5 Easy Facts About bhoot ki story Described

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 तुम्हारे अरविंद मामा ने ताली बजाकर उसे आवाज़ दी " ए कौन है तू? किदर जा रहा है? " यह सोचते हुए कि वह शायद कोई चोर था। लेकिन उसके आवाज़ देते ही वह आकृति बड़ी होती गयी और उसने अपना सर पीछे मोडली !!! अरविंद डरके मारे घबराकर घर भागके आया और अगले दिन उसे तेज़ बुखार हो गया था। हमारे पूछने पर उसने यह सभी बातें बतायीं लेकिन हमें सिनिमिय लगीं लेकिन उसने माँ बवूजी की कसम खाके बताई की उस आत्मा ने बिल्कुल वैसे ही अपना सिर हिलाया था जैसे हारर फिल्मों में होता है। शायद हारर फिल्मों में ऐसे दृश्य को चित्रित कराने के पीछे भी असली घटनायें  कारण हो सकती हैं। क्यों?

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At very best, it can provide you with a handful of spooks."[eighteen] Udita Jhunjhunwala of Firstpost also gave it two.5 stars including : "The parallels concerning Prithvi’s trauma and also the tragedy onboard The ocean Chook are significantly from refined and that's Bhoot’s greatest decline – it floats but doesn't discover its emotional anchor in the deep and haunting impression of personal reduction and regret."[19]

जब वे दौड़कर वहाँ पहुँचे तो उन्होंने देखा कि वहाँ पर उनका बेटा नहीं था।

वो बोला मजाक मत करो। तुम्हें क्या लगता है? मैं डर जाऊंगा। मुझे पता है कि तुम मुझे डराने का प्रयास कर रहे हो। पर मैं नहीं डरने वाला। इतना कहकर वो टीवी देखने चला गया।

दिनभर की भीड़भाड़ में लोग कब्रिस्तान को एक साधारित स्थान मानते हैं, लेकिन रात को यहां एक अलगी दुनिया उभरती है। राजा की आत्मा ने युवक को अज्ञात सत्रीयों के बीच ले जाकर उनके साथ मिलकर खेलने का आनंद लेने का अनुमति दी, और यह दृश्य युवक के लिए अद्वितीय रहा।

Prithvi foils a human trafficking Procedure but Riaz warns him against these unsafe adventures. Prithvi and Sapna give delivery to a child Female, Megha, and are shown boosting her.

रात का समय था। बस ने मुझे गाँव के बाहर उतारा था क्योंकि सड़क गाँव से बाहर की ओर थी और मेरा घर गाँव के काफी अन्दर था। पर इससे मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता क्योंकि पहले भी मैं बहुत-सी बार सफ़र कर चुका हूँ। पर इस बार मैं काफ़ी देर रात गाँव में पहुँचा था। मैंने अपना सामान उतारा और उसे उठा कर अपने घर की तरफ बढ़ा। उस समय रात के लगभग साढ़े बारह बजे थे।

एक दिन, रात के समय जब सभी बच्चे खेल रहे थे, राजू ने सोचा कि उसे उस हवेली में ले जाना चाहिए जहाँ उसने वह बच्चा पहले बार देखा था। राजू ने अपने दोस्तों को साथ लेकर हवेली की ओर बढ़ते हुए कहा, “हमें देखना चाहिए कि कौन रो रहा है और क्यों?”

आज इस लेख में हम पढ़ेंगे बच्चों के लिए उपयुक्त भूतों की कहानियां जिसमे आपको बहुत मजा आएगा। यह भूत की कहानी डरावनी नहीं बल्कि साहस से भरी है। 

भूत - हम इस खेत में पैदा होने वाली पैदावार के बराबर राशन तुम्हारे घर पहुंचा देंगे। लेकिन तुम इस पेड़ को मत हटाओ। यह हमारा भूतों का घर है। हम इस पेड़ पर कई सालों से रह रहे है।

पहलवान बहुत बलशाली था और बलशाली लोग हमेशा दया करते है। इसलिए पहलवान भूतों की बात मान लेता है। और घर चला जाता है। अब पहलवान अच्छी more info तरह से बिना मेहनत किए अपनी जिंदगी जीने लगा। लेकिन भूतों को यह सौदा बहुत महंगा पड़ गया। भूत काम कर करके बहुत दुबले पतले हो गए।

ऐसे ही, एक दिन की बात है जब हम सभी खाना खाकर रात में बालकनी में बैठे बातें कर रहे थे कि तभी मेरी मौसी का लड़का हमसे कहने लगा कि किसी में इतनी हिम्मत है कि वो रात के इस समय में इस जंगल के अंदर जाये।

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